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ओटिटिस मीडिया | OTITIS MEDIA


ओटिटिस  मीडिया एक तीव्र मध्य कान की बीमारी है जो अक्सर बहती नाक या फ्लू से शुरू होती है | इस स्थिति में मध्य कान के ईयरड्रम (EARDRUM) और आंतरिक कान(INNER EAR)  में सूजन आ जाती है | इसमें का में भी काफी दर्द होता है और साथ-साथ श्रवण हानि की संभावना भी बन जाती है | इस स्थिति को ठीक प्रकार से समझने के लिए इसके विभिन्न रूपों ,लक्षण और उपचार विधियों को ठीक प्रकार से समझना जरूरी है |


ओटिटिस  मीडिया के प्रकार 

  1. तीव्र ओटिटिस  मीडिया (Acute Otitis Media  A.O.M.)

    जब हम ‘ कान संक्रमण ‘ शब्द का प्रयोग करते हैं इसका मतलब कि ‘तीव्र ओटिटिस मीडिया’ होता है (A.O.M.) (ए .ओ .एम ) यह बहुत ही तीव्रता से आता है और बहुत कम अवधि में ही कान को संक्रमित कर देता है | इसकी प्रवृति वायरल होती है | लेकिन यह कभी-कभी बैक्टीरियल भी हो सकता है | ऐसे में इसे एक्यूट बैक्टीरियल ओटिटिस मीडिया (Acute Bacterial Otitis Media ) भी कहते हैं |
  1. सीरस ए ओ एम आमतौर पर एक चक्र या एपिसोड की तरह अनुसरण करता है | सूजन वाले श्लेष्म झिल्ली (Ear drum or tympanic membrane) से स्रवित  जो तरल पदार्थ है हो सकता है कि संक्रमण के लक्षण ना देखें परंतु संक्रमण हो सकता है | सीरस ओटिटिस  मीडिया जो बच्चों में अक्सर दिखाई देता है उसे ‘गोद कान’ या ‘ग्लू ईयर’ के रूप में जाना जाता है | 

  2. क्रॉनिक ओटिटिस  मीडिया (Chronic Otitis Media)  समय पर इलाज न होने के कारण कभी-कभी सीरस ओटिटिस  मीडिया पुराना हो जाता है (6 सप्ताह या अधिक) और बहाव के साथ क्रॉनिक ओटिटिस  मीडिया का रूप ले लेता है | हो सकता है कि कान में कोई संक्रमण ना हो परंतु द्रव लंबे समय तक काम में रहता है या फिर बार-बार लौट आता है| मध्य कान में द्रव जितनी देर रहता है उतना अधिक चिपचिपा हो जाता है | इस समस्या से अधिकतर बच्चे प्रभावित होते हैं | 



ओटिटिस  मीडिया के लक्षण 

इसके लक्षण हल्के या गंभीर हो सकते हैं| यदि ओटिटिस  मीडिया हल्के रूप में है तो लक्षण सर्दी से जुड़ा होता है | इसमें ऐसा महसूस होता है कि कान बंद है या भारीपन है और ‘पॉपिंग’ आवाज या ‘सनसनी’ हो रही है | सर्दी चले जाने के बाद आमतौर पर यह लक्षण ठीक हो जाते हैं | अधिक गंभीर मामलों में श्रवण हानि  कान में दर्द चक्कर आना तेज बुखार कान स्राव , मतली और टिनिटस जैसे लक्षण शामिल है | कुछ गंभीर स्थिति में ईयरड्रम, द्रव और आशु के निर्माण से बढ़ते दबाव का सामना नहीं कर पाते और  ईयरड्रम द्विद्रित हो जाता है | यह सुनने में असहज लगता है | पर वास्तव में यह सकारात्मक तरीका है| जिससे द्रव बाहरी कान से बाहर निकल जाता है | यह दर्द और बीमारी के लक्षणों से राहत देता है |

बच्चों में इस समस्या के संकेत समझना थोड़ा कठिन होता है| खासकर यदि वे खुद व्यक्त करने में सक्षम नहीं है ऐसे में हमें विशिष्ट संकेतों पर ध्यान देना होगा जैसे–


  1.  कान को खींचना या दबाना 

  2.  भूख कम लगना 

  3.  बच्चों का बेचैन रहना या रोना 

  4.  नींद ठीक प्रकार से ना आना 

  5.  तेज बुखार आना 

  6.  कान में तरल पदार्थ बहना 

  7.  संतुलन की समस्या 

  8.  सुनने की समस्या विशेषकर नरम आवाज या जब पीछे से आवाज की जा रही हो |



ओटिटिस  मीडिया बच्चों में 

यह छः महीने से छः साल के उम्र तक के बच्चों में 75% से 90% बच्चों को प्रभावित करता है | बच्चों में यह बहुत आम बीमारी है (सौ ब्लूस्टोन एंड क्लेन ,2000) | ज्यादातर यह समस्या बच्चों में इसलिए भी दिखती है क्योंकि उनके कान और प्रतिरक्षा प्रणाली अभी पूरी तरह विकसित नहीं हुई है | बच्चों की यूस्टेशियन ट्यूब और एडीनोइड उन्हें कान के संक्रमण के खतरे में डालते हैं | छोटे बच्चों में यूस्टेशियन ट्यूब आकार में छोटी और सीधी दिशा (क्षैतिज) होती है|  जिससे कान का तरल पदार्थ निकलने में कठिनाई महसूस करता है |  यूस्टेशियन ट्यूब के पास ऊपरी गले के पीछे स्थित एडीनोइड बच्चों में बड़े होते  है और इसलिए आसानी से  यूस्टेशियन ट्यूबो के उद्घाटन  में हस्तक्षेप कर सकते हैं | व्यस्को  की तुलना में बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली पूरी तरह विकसित न होने के कारण वह तुलना में जल्दी व आसानी से संक्रमित हो जाते हैं |

7-10  साल तक के बच्चों में ‘ग्लू ईयर’ या ‘गोद कान’ के प्रभाव कम दिखते हैं |अधिकतर समय माता-पिता इन सब कारणों से अनजान होते हैं और इलाज में देर हो जाती है| पता तब चलता है जब बच्चा मध्यम या नरम ध्वनियों पर प्रतिक्रिया नहीं देता | अक्सर ग्लू ईयर के लक्षण बहुत साफ पता नहीं चलते और बच्चों में लंबे समय तक संक्रमण रहने से थोड़ा बहरापन विकसित हो जाता है| इससे बच्चों में भाषा विकास और स्कूली शिक्षा पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है |


रोकथाम एवं उपचार 

वैज्ञानिक प्रमाण इस क्षेत्र में विशिष्ट एवं स्पष्ट उपलब्ध नहीं है की ओटिटिस  मीडिया को कैसे रोका जा सकता है क्योंकि संक्रमकता ऊपरी श्वास नली में सबसे पहले शुरू होती है| इसलिए बच्चों के आहार पर ध्यान देना चाहिए कि उन्हें कोई एलर्जी न हो | देखा गया है कि बच्चों को सिगरेट के धुएं  से दूर रहकर लेट कर बोतल में दूध न पिलाकर और घर का ताजा भोजन कराकर काफी हद तक ओटिटिस  मीडिया का संक्रमण रोका जा सकता है| बहती नाक जैसे लक्षण को भी समय से ध्यान देकर इलाज करा लेना चाहिए |

 कई मामलों में यदि तीव्र ओटिटिस  मीडिया है तो तीन-चार दिन  कान में दवा की बूंदें डालने से मदद हो जाती है |कभी-कभी जटिलता बचाने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं की आवश्यकता भी पड़ जाती है| दवाओं के सेवन से ओटिटिस  मीडिया आमतौर पर 2 से 3 सप्ताह के बाद ठीक हो जाता है |

ओटिटिस  मीडिया एक बहुत ही सामान्य चिकित्सा  स्थिति है |अधिकांश मामले हल्के होते हैं या अपने आप हल हो जाते हैं इसका इलाज भी संभव है आमतौर पर मध्य कान में एक मजबूत आत्म उपचार क्षमता होती है| जिससे कुछ समय में समस्या का समाधान स्वयं हो जाता है |यहां तक की द्विद्रित झुमके भी अपने दम पर ठीक करने में सक्षम है |

फिर भी धीमी प्रकृति का ओटिटिस  मीडिया लंबे समय तक ठीक न होने पर बच्चों में सुनने की क्षमता पर असर कर सकता है इसलिए माता-पिता सतर्कता से बच्चे पर ध्यान दें और नाक या कान संबंधित लक्षणों को नजरअंदाज ना करें और समय से उपचार कराएं |


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